Inside Story of BSF DG Removal : बीएसएफ के डीजी नितिन अग्रवाल और स्पेशल डीजी खुरानिया को हटाया गया, किस की नाकामी का ठीकरा BSF पर फोड़ा गया ? जानिए कया है गृह मंत्रालय के अभूतपूर्व एक्शन की अंदरूनी कहानी

जिन के नेतृत्व में सीमा सुरक्षा बल ने छतीसगढ़ में अब तक का सब से बड़ा ऑपरेशन किया और टॉप के नकसली कमांडर के साथ 29 नक्सली को मार गिराया वह अचानक नाकाम कैसे हो सकते है ?

Inside Story of BSF DG Removal :  बीएसएफ के डीजी नितिन अग्रवाल और स्पेशल डीजी खुरानिया को हटाया गया, किस की नाकामी का ठीकरा BSF पर फोड़ा गया ? जानिए कया है गृह मंत्रालय के अभूतपूर्व एक्शन की अंदरूनी कहानी

WND Network.New Delhi : केंद्र की मोदी सरकार में क्रेडिट और नाकामी की पावर-पॉलिटिक्स की लड़ाई में बीती रात अचानक तत्काल प्रभाव से समय से पहले सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force  - BSF) के महानिर्देशक (Director General - DG) नितिन अग्रवाल (IPS Nitin Agrawal )को हटाकर उनके मूल कैडर केरल भेज दिया गया है।  शायद आज़ाद भारत की यह ऐसी पहेली घटना होगी जिस में डीजी लेवल के अफसर को इस तरह हटाया गया हो।  IPS नितिन अग्रवाल की अचानक हुई ट्रांसफर भारत की सीमा पर तैनात अफसरों से लेकर दिल्ली में रायसीना हिल तक के लोगो को गले से नीचे नहीं उतर रही। जिस DG नितिन अग्रवाल के नेतृत्व BSF ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अब तक का सब से बड़ा ऑपरेशन किया हो और 29 नक्सली को मार गिराया हो वह अचानक नाकाम कैसे हो गए यह बात सुबह से चर्चा का विषय बनी हुई है।  दिल्ली में गृह मंत्रालय और सीमा से जुड़े सूत्रों की माने तो, जम्मू के आतंकी हमले और घुसपेठियो की बॉर्डर से भारत में घुसने की बात को लेकर BSF DG नितिन अग्रवाल पर विफलता का ठीकरा फोड़ा जा रहा है वह पीर पंजाल वाली जम्मू से सटी लाइन ऑफ़ कंट्रोल (LoC) वाली सीमा की निगरानी तो भारतीय सेना कर रही है।  जब की BSF तो अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) पर तैनात रहती है। बजाय सेना के आला अफसरों से पूछने या कार्यवाही करने सीधा ही BSF के DG हटाकर सरकार भी अपनी नाकामी से पल्ला झाड़ती हुई नजर आ रही है।  इस पुरे मामले को अच्छी तरह से समझने के लिए आप को पंजाब से लेकर जम्मू और कश्मीर की सीमा के मौजूदा सामरिक हालात को समजना जरुरी है।  

सालो से भारतीय सीमाओ की निगरानी और सुरक्षा को लेकर एक सिस्टम बना हुआ है।  जिस में अंतरराष्ट्रीय सीमा जिसे IB के नाम से भी जाना जाता है, उस की जिम्मेवारी सीमा सुरक्षा बल की होती है।  कश्मीर समेत पश्चिम भारत में जहा भी लाइन ऑफ़ कंट्रोल (LoC ) है वहा की जिम्मेवारी भारतीय सेना की है।  पिछले दिनों जम्मू में जो भी आतंकी घटनाये हुई है उस में शामिल आतंकी पीर पंजाल घाटी से आये है यह बात सुरक्षा के जानकारों के साथ साथ सरकार को भी पता है। और ऐसा इस लिए भी हुआ है की कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलो की भारी मौजूदगी है।  और इस वजह से आतंकीओने अब बजाय कश्मीर घाटी से भारत में घुसने उन्हें ने पीर पंजाल का रास्ता चुना है। पीर पंजाल घाटी की सीमा LoC मानी गई है।  जिस की निगरानी और सुरक्षा की जिम्मेवारी भारतीय सेना की है। जम्मू की करीब 255 किलोमीटर LoC की निगरानी भारतीय सेना द्वारा की जा रही है।  कुछ अखबारों में छपी कुछ रिपोर्ट के मुताबि, डोडा मुठभेड़ से पहले जून महीने के आखिर में दिखे आतंकी पठानकोट के कठुआ में घुसे हुए जानी की बात सामने आई थी।  इसलिए सरकार को BSF के किसी भी आला अफसर को जिम्मेवार मान ने की बजाय उन बातो पर गौर कर ने की जरूरत थी जिस की वजह से आतंक कश्मीर से शिफ्ट हो कर जम्मू में आया है। ऑपरेशनल और सामरिक मामलो के जानकारों के मुताबिक़, BSF के DG को समय से पहले रातोरात हटाने की वजह से सीमा सुरक्षा बल में जवान से लेकर अफसरों तक के मनोबल पर असर पड़ा है।

आप को बता दे की, बीती रात गृह मंत्रालय ने अभूतपूर्व एक्शन लेते हुए बीएसएफ के डीजी पद से नितिन अग्रवाल को हटाकर उनके मूल कैडर केरल भेज दिया है। इसके अलावा बीएसएफ के स्पेशल डीजी वाईबी खुरानिया को भी पद से हटाकर उनके मूल कैडर ओडिशा भेजा गया है। बीते दो महीने में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में बढ़ोतरी हुई है। खासकर जम्मू क्षेत्र में आतंकी लगातार आम जनता और सेना को निशाना बना रहे हैं। जाहिर तौर पर एलओसी और सीमा को पार कर आतंकी आए। ऐसे में घुसपैठियों को आसानी से भारत में प्रवेश करने का मौका मिलने पर सवाल उठते रहे हैं। जिसके बाद भारत सरकार का यह बड़ा प्रशासनिक एक्शन माना जा रहा है।  बीएसएफ के डीजी और स्पेशल डीजी पद पर अभी किसी अफसर की तैनाती नहीं की गई है। नितिन अग्रवाल 1989 और वाईबी खुरानिया 1990 बैच के आईपीएस हैं। नितिन अग्रवाल को जून 2023 में बीएसएफ की कमान सौंपी गई थी।

बीएसएफ के स्पेशल डीजी खुरानिया समय वैसे भी समाप्त हो रहा था : सीमा सुरक्षा बल के महानिर्देशक और स्पेशल डीजी दोनों को अचानक हटाना महज एक संयोग है।  सूत्रों की माने तो DG अग्रवाल को हटाने का मामला अचानक है परन्तु स्पेशल डीजी (Special DG - West) वाई बी खुरानिया (IPS Y.B.Khurania को हटाना तो एक हप्ते पहले से ही सब को पता था।  उन का सेन्ट्रल डेप्युटेशन वैसे भी ख़तम हो रहा था इस लिए उनका जाना तय था।  लेकिन दोनों का ऑर्डर एक साथ होने की वजह से स्पेशल डीजी वाई बी खुरानिया के तबादले को भी एक साथ जोड़कर देखा जा रहा है।