BSF Rising Day in Kutch : BSF अपना स्थापना दिवस दस दिन पहले कच्छ में मनाएगा, क्योंकि गृहमंत्री अमित शाह गुजरात के कच्छ का दौरा करने वाले हैं
भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोई अर्धसैनिक बल अपना स्थापना दिवस रेज़िंग डे पर न मनाकर अपने नेता की सुविधानुसार मना रहा है। बीएसएफ की स्थापना 1 दिसंबर 1965 को हुई थी।
( कच्छ भुज में 21 नवम्बर को BSF रेजिंग डे के समारोह से संबंधित तैयारियों की समीक्षा करते हुए सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी व् BSF के अन्य सीनियर अफसर)
WND Network.Bhuj (Kutch - Gujarat) : अगर आपका जन्मदिन दस दिन बाद आ रहा है, तो क्या आप उसे दस दिन पहले मनाएँगे? आप कहेंगे कि ऐसा नहीं हो सकता। और अगर मामला किसी सरकारी या अनुशासित बल का हो तो यह तो बिलकुल ही संभव नहीं। लेकिन आप को यह जानकार आश्चर्य होगा की, भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि, जब कोई अर्ध सैनिक बल (CAPF) अपना स्थापना दिवस अपने रेज़िंग डे (Raising Day) पर न मनाकर नेता - मंत्री की सुविधानुसार मनाने जा रहा है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force - BSF) हर साल 1 दिसंबर को अपना स्थापना दिवस मनाता है। लेकिन इस वर्ष BSF अपना स्थापना दिवस 1 दिसंबर को नहीं बल्कि 21 दिसंबर को देश की राजधानी दिल्ली के BSF मुख्यालय में नहीं, बल्कि गुजरात के कच्छ जिले के भुज में मनाने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Union Home Minister Amit Shah ) 21 दिसंबर को आधिकारिक दौरे पर गुजरात के कच्छ आ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अमित शाह का दौरा पहले से तय था। और यह खबर मिडिया में भी आ चुकी थी। गुजरात के कच्छ - भुज में होने वाले BSF के रेज़िंग डे सेलिब्रेशन कार्यक्रम की जानकारी उस के बाद आई है।
गुजरात के कच्छ जिले के शहर भुज में तैयारियां जोरों पर हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाले इस कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बीएसएफ डीजी दलजीत सिंह चौधरी (BSF DG IPS Daljit Singh Chaudhry) भी दो दिन 4 और 5 नवम्बर को कच्छ दौरे पर आये थे।
चौधरी की यात्रा के संबंध में गुजरात सरकार के सूचना विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आधिकारिक विवरण के अनुसार, 'दलजीत सिंह चौधरी, महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल ने 4–5 नवंबर 2025 को भुज का दौरा किया और सीमा सुरक्षा बल की आगामी डायमंड जुबली (हीरक जयंती) समारोह से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की। इतिहास में पहली बार, सीमा सुरक्षा बल अपना रेज़िंग डे 21 नवंबर 2025 को गुजरात के भुज में मनाएगा जो बल की गौरवमयी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। देश की सीमाओं की सुरक्षा में 60 वर्षों से प्रदर्शित बहादुरी, पेशेवराना उत्कृष्टता और अटूट समर्पण को सम्मानित करने के लिए भव्य और उपयुक्त समारोह की तैयारी की जा रही है।'
कच्छ में तीन दशकों से पत्रकारिता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार गिरीश जोशी ने पूरे मामले को बेहद गंभीर बताया और कहा, अब तक भारत में रक्षा मामलो और उन से जुडी बातो को राजनीति से दूर रखा गया है। लेकिन जिस तरह से अर्धसैनिक बलों या सुरक्षा बलों को राजनीति से जोड़ा जा रहा है वह बेहद खतरनाक है।
BSF के DG दलजीतसिंग चौधरी कोई कारण नहीं बता सके : 'वेब न्यूज दुनिया' ने BSF के DG दलजीत सिंह चौधरी से संपर्क कर यह जानने की कोशिश की के, आखिर क्यों बीएसएफ अपना स्थापना दिवस 1 दिसंबर से दस दिन पहले 21 तारीख को दिल्ली की बजाय गुजरात के भुज के कच्छ में मनाने जा रहा है। DG चौधरी का संपर्क न होने पर उन्हें वॉट्सऐप पर पुरे मामले अवगत कर के जानना चाहा किन्तु यह न्यूज़ रिपोर्ट पब्लिश होने तक उन की और से कोई कारण नहीं बता सके थे। दिलचस्प बात यह भी है कि बीएसएफ के डीजी दलजीत सिंह चौधरी 30 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
अब तारीखों का कोई महत्व नहीं, नेताओं और मंत्रियों की मौजूदगी महत्वपूर्ण : पहली बार देशमे किसी अर्ध सैनिक बल, BSF ने अपने स्थापना दिवस को अपने उसी तारीख पर नहीं, बल्कि अपने गृह मंत्री की मौजूदगी को ध्यान में रखकर मनाने की योजना बनाई है। इसे देखते हुए, आने वाले समय में तारीखों का कोई महत्व नहीं रहेगा, बल्कि सत्ता पक्ष के नेता या मंत्री की मौजूदगी का महत्व बना रहेगा। इसे देखकर तो यह भी हो शकता है की, स्वतंत्रता दिवस को १५ अगस्त की बजाय प्रधानमंत्री की उपलब्धता को ध्यान में रख कर किसी अन्य तारीख और शहर में मनाया जाए।
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