Four Army Personnel Killed in Doda Encounter : कश्मीर से आतंक को ख़तम करने के PM मोदी के दावे में कितनी सच्चाई ? पिछले 78 दिनमे 11 हमले, डोडा में देर रात आतंकी मुठभेड़ में सेना के कैप्टन समेत चार जवान शहीद
तलाशी अभियान के दौरान आतंकियों ने फायरिंग की और सेना ने भी जवाबी फायरिंग की। लगातार 20 मिनट से अधिक समय तक गोलीबारी होती रही
WND Network.Srinagar: कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद प्रधामंत्री नरेंद्र मोदीने लोकसभा में बयान दिया था की, कश्मीरमें अब आतंकवाद ख़तम होने के कगार पर है। ऐसी घटनाओ में कमी आई है। लेकिन हकीकत ये है की, उनके तीसरे कार्यकाल के बाद कश्मीर में आतंकी वारदात बढ़ गई है। पिछले 78 दिनमे करीब 11 हमले हुए है। जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकी हमलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ली थी, उसी दिन दहशतगर्दों ने रियासी में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हमला किया था। इससे बस खाई में गिरने से नौ लोगों की मौत हो गई थी। आतंकियों की ओर से 9 से 11 जून के बीच चार हमले किए गए हैं। वही अब जम्मू-कश्मीर से एक बार फिर बुरी खबर सामने आई है। यहां के डोडा जिले के एक जंगली क्षेत्र में सोमवार देर रात आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के कैप्टन समेत चार जवान शहीद हो गए हैं। एक अन्य सैन्य अधिकारी की हालत गंभीर है। राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह के जवानों ने रात करीब पौने आठ बजे देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। तलाशी अभियान के दौरान आतंकियों ने फायरिंग की और सेना ने भी जवाबी फायरिंग की। लगातार 20 मिनट से अधिक समय तक गोलीबारी होती रही। इस दौरान सेना के 5 जवानों को गोली लगी। उन्हें अस्पताल लाया गया जहां चार की आधी रात मृत घोषित कर दिया गया। एक अधिकारी और एक पुलिसकर्मी भी इस फायरिंग में घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि घायलों को अस्पताल ले जाया गया है जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में मंगलवार को एक आतंकवादी हमले के बाद हुई गोलीबारी में चार सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई। सोमवार को डेसा इलाके में सशस्त्र बलों और आतंकवादियों के बीच गोलीबारी में सेना के एक जवान सहित पांच सुरक्षा अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सेना ने कहा कि, अतिरिक्त सैनिकों को क्षेत्र में भेजा गया है तथा अंतिम जानकारी आने तक अभियान जारी था। अधिकारियों के अनुसार इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के बाद अभियान शुरू किया गया था। पुलिस के एक प्रवक्ता ने मुठभेड़ की पुष्टि की, लेकिन कहा कि और विवरण का इंतजार है। सेना की 16वीं कोर, जिसे व्हाइट नाइट कोर के नाम से भी जाना जाता है उसने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट में कहा, 'क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक भेजे गए हैं, अभियान जारी है।'
सुरक्षा बलों को डोडा जिले के उत्तरी इलाके के देसा जंगल में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. इस सूचना के बाद सोमवार शाम 7.45 बजे भारतीय सेना (Indian Army) की राष्ट्रीय राइफल्स (Rashtriya Rifles) और जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu and Kashmir Police) की जॉइंट टीम ने धारी गोट उरारबागी इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया था।
सर्च ऑपरेशन के दौरान एक जगह छिपे हुए आतंकियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी. सुरक्षा बलों की तरफ से भी फायरिंग का जवाब दिया गया. करीब 20 मिनट तक दोनों तरफ से जबरदस्त फायरिंग होती रही. इसके बाद आतंकियों की तरफ से फायरिंग बंद कर दी गई. आतंकी जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे, लेकिन सुरक्षा बल उनका पीछा करते रहे।
भारतीय सेना की 16 कॉर्प्स की तरफ से जानकारी दी गई है कि एनकाउंटर के दौरान भारी गोलीबारी दोनों तरफ से हुई है, जिसमें कई जवान घायल हो गए हैं. एनकाउंटर के तत्काल बाद अतिरिक्त सुरक्षा बल मौके पर रवाना कर दिए गए और पूरे इलाके को घेर लिया गया है. आतंकियों की तलाश में पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चल रहा है, जिसमें ड्रोन्स की मदद ली जा रही है।
पिछले महीने 11 जून को अचानक डोडा जिले में आतंकी एक्टिव हुए थे। आतंकियों ने दो दिन में दो आतंकी हमले किए थे. 11 जून की रात को चटर गल्ला के ऊपरी इलाके में सुरक्षा बलों पर हमला किया था, जिसमें कई जवान घायल हो गए थे. इसके बाद सुरक्षा बलों ने जॉइंट ऑपरेशन चलाते हुए 3 आतंकियों को मार गिराया था, जिनके पाकिस्तानी होने की पुष्टि हुई थी. इन आतंकियों के पास से अमेरिकी कमांडोज द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली M4 ऑटोमैटिक राइफल मिली थी. इन्हीं आतंकियों के साथियों ने पिछले दिनों कठुआ में आतंकी हमला किया था।