गुजरात के पूर्व IAS और यूपी के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा से लोगों ने की बिजली की शिकायत, शर्मा ने हाथ उठाकर कहा 'जय श्री राम', वीडियो में देखें बाबू से मंत्री बने शर्मा जी कैसे चल दिए
सोचिए, यह IAS अधिकारी ने गुजरात में कैसे काम किया होगा? अरविन्द कुमार शर्मा नरेंद्र मोदी के खास और प्रिय व्यक्ति है, मोदी जब गुजरात में थे तब सीएमओ में थे, प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी उन्हें दिल्ली ले गए थे, नौकरी के डेढ़ साल पहले ही जॉब छोड़कर उत्तर प्रदेश BJP ज्वाइन कर ली थी, अब योगी सरकार में बिजली मंत्री है।
WND Network.Lucknow (UP) : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लंबे समय तक काम कर चुके ऐ.के.शर्मा के नाम से मशहूर गुजरात के पूर्व IAS अरविंद कुमार शर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस वीडियो में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में ऊर्जा मंत्री के रूप में कार्यरत ए.के. शर्मा से UP के लोग बिजली की समस्या को लेकर शिकायत करते हैं, जिस के जवाब में लोगों को आश्वासन देने के बजाय मंत्री शर्मा "जय श्री राम" कहकर कार में बैठ जाते हैं। शर्मा के इस वीडियो को लेकर लोग कड़ी आलोचना कर रहे हैं कि, 'धर्म के नाम पर चुनाव में वोट देने के बाद लोगो को बिजली मांगने का हक नहीं है। अगर आम जनता सड़क बिजली शिक्षा रोजगार इत्यादि मांगने लगेंगी तो धर्म के ठेकेदार बनने वाले नेताओं को कौन पूछेगा इसलिए धार्मिक बनिए और नारे लगाएं।'
ए.के.शर्मा का यह वीडियो देखकर यह सवाल भी उठता है कि, गुजरात में शर्मा जी ने कैसी नौकरशाही चलाई होगी, जो जनता की समस्याओं को सार्वजनिक रूप से सुनने के बजाय हाथ जोड़कर कार में बैठ गए ? ए.के. शर्मा के इस वीडियो में उत्तर प्रदेश के लोगों की जो दुर्दशा दिखाई दे रही है, उस से भी ज्यादा गुजरात के लोगों की दुर्दशा है। लोग खराब सड़कों, टूटे पुलों आदि जैसी सार्वजनिक सेवाओं की समस्याओं से जूझ रहे हैं। और गुजरात सरकार के मंत्री केवल आश्वासन देते नजर आ रहे है। गुजरात में भाजपा लगातार तीन दशकों से भी ज्यादा समय से सत्ता में है।
कौन है ये ए.के.शर्मा : उत्तर प्रदेश के मऊ से आने वाले शर्मा 1988 की गुजरात कैडर के IAS थे। गुजरात में सीनियर IAS अफसर रहते हुए शर्मा नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के समय से ही गुजरात में उनके खास और विश्वसनीय अधिकारी रहे हैं। जिस दिन मोदी ने गांधीनगर में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता संभाली थी, उसी दिन शर्मा को मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। सिर्फ इतना ही नहीं, जब मोदी प्रधानमंत्री बनकर दिल्ली गए, तब शर्मा को अपने साथ ले गए थे। IAS अधिकारी के रूप में डेढ़ साल की सेवा शेष रहते हुए ए.के. शर्मा ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में प्रवेश किया था।