IAS Puja Khedkar UPSC : पूजा खेड़कर के नाम के आगे IAS हटा, UPSC ने पूजा खेडकर की अनंतिम उम्मीदवारी रद्द की, अब किस का नंबर ?

पूजा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, परन्तु पूजा ने तय सीमा समाप्ति तक कोई जवाब न देने की वजह से संघ लोक सेवा आयोग ने लिया फैसला, परीक्षाओं/चयनों से स्थायी रूप से वंचित भी किया

IAS Puja Khedkar UPSC : पूजा खेड़कर के नाम के आगे IAS हटा, UPSC ने पूजा खेडकर की अनंतिम उम्मीदवारी रद्द की, अब किस का नंबर ?

WND Network.New Delhi : अब पूजा खेड़कर के नाम के आगे IAS नहीं लिखा जायेगा।  काफी दिनों से चर्चा में रही महाराष्ट्र केडर की प्रोबेशनरी IAS अफसर पूजा खेडकर की अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी गयी है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने इस की आधिकारिक घोषणा करते हुए यह भी कहा है की, पूजा को परीक्षाओं/चयनों से स्थायी रूप से वंचित भी किया गया है।  तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सेवा परीक्षा देने के लिए पूजा के फर्जी दस्तावेज बनाने के विवाद के चलते पूजा के खिलाफ जांच बिठाई गई थी।  पूजा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, परन्तु पूजा ने तय सीमा समाप्ति तक कोई जवाब न देने की वजह से संघ लोक सेवा आयोग ने लिया फैसला लिया है। पूजा के बाद अब कौन UPSC के राडार में है इस को लेकर भी अभी से चर्चाए शुरू हो गई है। गुजरात समेत कई राज्यों में पूजा जैसे मामले प्रकाश में आये है। परन्तु सम्बंधित राज्य सरकारों ने अब तक कोई जानकारी नहीं दी है।   

यूपीएससी ने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के अनुरोध पर सावधानीपूर्वक विचार किया और न्याय के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, उन्हें 30 जुलाई, 2024 को दोपहर 3:30 बजे तक का समय दिया गया, ताकि वे कारण बताओ नोटिस के सन्दर्भ में अपना जवाब प्रस्तुत कर सकें। पूजा को यह भी स्पष्ट रूप से बता दिया गया कि यह उनके लिए अंतिम अवसर है और इससे आगे उन्हें कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा। उन्हें स्पष्ट शब्दों में यह भी बताया गया कि यदि उपरोक्त तिथि/समय तक कोई जवाब नहीं मिलता है, तो यूपीएससी उनसे कोई और संदर्भ लिए बिना आगे की कार्रवाई करेगा। उन्हें दिए गए अतिरिक्त समय के बावजूद, वह निर्धारित समय के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने में विफल रहीं।

यूपीएससी ने उपलब्ध अभिलेखों की सावधानीपूर्वक जांच की है और उसे सीएसई-2022 नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने का दोषी पाया। सिविल सेवा परीक्षा - CSE-2022 के लिए उसकी अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है और उन्हें यूपीएससी की सभी आगामी परीक्षाओं/चयनों से स्थायी रूप से वंचित कर दिया गया है।  

पूजा की वजह से UPSC 15 साल का रेकॉर्ड खंगाला : पूजा के मामले को देखते हुए, UPSC ने वर्ष 2009 से 2023 यानि 15 वर्षों के CSE के 15,000 से अधिक अंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवारों के उपलब्ध रेकॉर्ड की उनके द्वारा प्राप्त प्रयासों की संख्या के संबंध में गहन जांच की। इस विस्तृत जांच के बाद, पूजा के मामले को छोड़कर, किसी अन्य उम्मीदवार को सीएसई नियमों के तहत प्रदत्त संख्या से अधिक प्रयासों का लाभ उठाते हुए नहीं पाया गया है। पूजा के एकमात्र मामले में, संघ लोक सेवा आयोग की मानक संचालन प्रक्रिया (SoP) मुख्य रूप से इस तथ्य के कारण उसके प्रयासों की संख्या का पता नहीं लगा सकी क्योंकि उन्होंने न केवल अपना नाम बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदल लिया था। UPSC एसओपी को और सशक्त करने की प्रक्रिया में है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसा मामला दोबारा ना आ सके। 

UPSC ने पल्ला झाड़ा, कहा उन के पास हर साल आते हजारों प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच करने का न तो अधिदेश है और न ही साधन : UPSC आधिकारिक रूप से कहा है की, जहां तक ​​झूठे प्रमाणपत्र (विशेष रूप से ओबीसी और पीडब्ल्यूबीडी श्रेणियों) जमा करने की शिकायतों का सवाल है, यूपीएससी यह स्पष्ट करना चाहता है कि वह प्रमाण पत्रों की केवल प्रारंभिक जांच करता है, जैसे कि प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया है या नहीं, प्रमाण पत्र किस वर्ष से संबंधित है, प्रमाण पत्र जारी करने की तिथि, प्रमाण पत्र पर कोई ओवरराइटिंग है या नहीं, प्रमाण पत्र का प्रारूप आदि। आम तौर पर, यदि प्रमाणपत्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया है, तो उसे असली माना जाता है। यूपीएससी के पास हर साल उम्मीदवारों द्वारा जमा किए गए हजारों प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच करने का न तो अधिदेश है और न ही साधन। हालांकि, यह समझा जाता है कि प्रमाण पत्रों की सत्यता की जांच और सत्यापन का कार्य कार्य सौंपे गए अधिकारियों द्वारा किया गया है।