Donald Trump : ट्रंप के अमरीकी प्रमुख बनने से गुजरातियों के लिए सबसे बड़ा झटका होगा, डोनाल्ड को दुनिया का दुसरा सब से बड़ा जूठा नेता माना जाता है, अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप ने 30,573 बार झूठे दावे किए थे !
ट्रंप ने भी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था का निर्माण, मेक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाने का दावा, रूस से कोई मिलीभगत नहीं, अमेरिका में एक ‘इकोनॉमिक बूम’ होने वाला है, 99 फीसदी कोरोना मामले हानि रहित है जैसे जूठे दावे किये थे
WND Network.New Delhi : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप तो जीत जाने की ख़ुशी भारतभर के गोदी मिडिया द्वारा मनाई जा रही है। लेकिन आप को ये बता दे की भारत को ही इस से बड़ा नुकशान होने वाला है। इस चुनाव में जीत के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है, लेकिन ट्रंप की जीत के बाद इसका सीधा असर गुजरातियों पर पड़ने वाला है। अमेरिका में H1-B वीजा हासिल करने में भारतीयों में गुजराती सबसे आगे हैं। ऐसे में अगर यह नियम बदला गया तो सबसे ज्यादा मार गुजरातियों पर पड़ेगी। जब डोनाल्ड ट्रंप पहली बार राष्ट्रपति बने थे तो उन्होंने वीज़ा प्रक्रिया को बहुत कठिन बना दिया था। इसलिए इसमें कोई शक नहीं कि दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद यह प्रक्रिया कठिन होगी। वही दूसरी ओर ट्रंप की दूसरी जीत बाद अब यह भी चर्चाये शुरू हो चुकी है की, दुनिया में सब से ज्यादा जूठ बोलने वाला दूसरे नेताने किसी देश की सत्ता संभाली है।
झूठ बोलने के लिए बदनाम पुरे विश्व में दूसरे नंबर का झूठा नेता अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) है। दुनिया की मानी हुई फेक्ट चेक करने वाली वेबसाइट विकिपेडिया के अनुसार सत्ता में रहते हुए ट्रंप ने 30,573 बार झूठ बोला था। यानी के वह एक दिन में औसतन 21 बार झूठ बोलते थे। न्यूज़ १८ की एक पुरानी खबर के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) जब वह अमेरिका के राष्ट्रपति थे तो उन्होंने झूठ बोलने के मामले में भी रिकॉर्ड बनाया था।
ट्रंप की ओर से किए गए सभी झूठे दावों में से करीब आधे दावे तो दुनिया के एक अन्य नेता की तरह ट्रंप की ओर से की गई चुनावी रैलियों, चुनावी अभियानों और उनके ट्विटर अकाउंट से किए गए थे। हालांकि उस समय कुछ समय के लिए उनका ट्विटर अकाउंट भी सस्पेंड कर दिया गया था। और शायद यही वजह रही थी की, टिप्पणीकारों और तथ्य-जांचकर्ताओं ने अमेरिकी राजनीति में ट्रम्प के झूठ के पैमाने को 'अभूतपूर्व' बताया था। अमेरिका में मीडिया ऐसा बोल सकता है और लिख भी सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले चार साल के राष्ट्रपति पद के कार्यकाल में बहोत से झूठ बोले थे। जिस में सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था का निर्माण (407 बार), मेक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाने का दावा (262 बार), रूस से कोई मिलीभगत नहीं (236 बार), अमेरिका में एक ‘इकोनॉमिक बूम’ होने वाला है, 99 फीसदी कोरोना मामले हानि रहित है जैसे जूठे दावे प्रमुख थे। ऐसे ही जूठे दावे दुनिया का एक नेता भी करता रहता है।
दूसरी बार सत्ता में आने पर ट्रंप के पाप और अपराध वॉशिंग मशीन में धुल जाएंगे : ट्रंप पर पॉर्न हीरोइनों को मोटी रकम देकर बिजनेस में हेराफेरी करने से लेकर 2020 में चुनाव के दौरान देश की जनता को भड़काने तक के गंभीर आरोप लग चुके है। लेकिन अब ऐसा लग रहा है की, दूसरी बार सत्ता में आने पर ट्रम्प के पाप और अपराध वॉशिंग मशीन में धुल जाएंगे। ट्रम्प पहले से ही विवादों में घिरे हुए हैं। उन पर कई आरोप लगे है और मामले लंबित हैं। जिनमें सबसे गंभीर आरोप, चुनाव में हस्तक्षेप, चुनाव और नतीजों को गुमराह करने का है।
दक्षिणपंथी - कट्टरपंथी विचारधारा और ट्रंप की जीत: अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप की जीत को राजनीतिक पंडित दक्षिणपंथी - कट्टरपंथी विचारधारा की जीत मान रहे है। अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी को दक्षिणपंथी-कट्टरपंथी के रूप में देखा जाता है। न केवल अमेरिका में बल्कि भारत सहित नीदरलैंड जैसे देशों में भी दक्षिणपंथी राजनीतिक दलों का प्रभुत्व बढ़ा है और वे सत्ता में आये हैं। इसके लिए इस्लामिक आतंकवाद समेत अन्य मुद्दे भी जिम्मेदार है। इन्हीं मुद्दों को आगे बढ़ाते हुए दक्षिणपंथी राजनीतिक दल यह दावा करके सत्ता में आते हैं कि वे देश के सबसे बड़े और सच्चे देशभक्त हैं। सत्ता में आने के बाद ऐसे लोग देश के लिए नहीं बल्कि सिर्फ कुछ लोगों के लिए काम कर रहे हैं। भारत में भी विपक्ष मोदी सरकार पर इस तरह का आरोप लगाता रहा है। ट्रंप ने अपनी चुनावी भाषणों में 'अमेरका फर्स्ट' का नारा चलाया था।