गुजरात केडर के पांच 'दिव्यांग' IAS अफसर का मेडिकल टेस्ट होगा ? IAS पूजा खेडकर के विवाद और फिजिकल हैंडीकैप्ड कोटे से IAS बनने के रिपोर्ट्स के बाद सरकार की रहस्मय चुप्पी
चर्चा यह भी है कि फर्जी EWS सर्टिफिकेट बनाकर कोटे में सेंध लगाने वाले गुजरात केडर के दो IPS अफसर की फाइल खुली है
WND Network.Gandhinagar : फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर IAS बनी पूजा खेड़कर विवाद के चलते गुजरात में भी ऐसे फर्जीवाड़ा करने वाले IAS-IPS होने की लगातार सुर्खियों के बिच आज एक खबर ऐसी आई है की, राज्य सरकारने फिजिकल हैंडीकैप्ड कोटे के IAS बनने वाले पांच दिव्यांग IAS का दोबारा मेडिकल टेस्ट करवाने का मन बना लिया है। IAS के साथ साथ फर्जी EWS सर्टिफिकेट बनाकर कोटे में सेंध लगाने वाले गुजरात केडर के दो IPS अफसर की फाइल को भी खोला गया है। हाला की लगातार मीडिया रिपोर्ट्स और मामला बहोत ही संवेदशील होने के बाद भी गुजरात की सरकार ने अब तक पुरे मामले में रहस्मय चुप्पी बनाई हुई है।
लम्बे अरसे से गांधीनगर सचिवालय की रिपोर्टिग कर रहे वरिष्ठ पत्रकार दीपक राजानी ने आज सुबह इस सम्बन्ध में पत्रकारों के एक वॉट्स एप ग्रुप 'पत्रकार समूह' में यह जानकारी साझा की है। उन्होंने विस्तार से लिखा है की, IAS पूजा खेड़कर (IAS Puja Khedkar) कांड के बाद गुजरात का सरकारी सिस्टम हरकत में आया है। गुजरात के पांच IAS अधिकारियों को दोबारा मेडिकल टेस्ट कराने का आदेश दिया गया है। जांच इस दलील के बाद शुरू हुई कि, उन्हें झूठे विकलांगता प्रमाण पत्र के आधार पर सिविल सेवा में भर्ती किया गया है। इन अधिकारियों का मेडिकल परीक्षण अहमदाबाद सिविल अस्पताल और एम्स में किए जाने की संभावना है। इन पाँच अधिकारियों में से एक IAS अधिकारी राज्य प्रशासन में उच्च पद पर आसीन है। केवल इतना ही नहीं परन्तु, भारतीय पुलिस सेवा - IPS और भारतीय वन सेवा - IFS केडर के कुछ अधिकारियों की भी इस सम्बन्ध में जांच होने की संभावना है। सीनियर जर्नलिस्ट राजानीने अपनी पोस्ट में आगे लिखा है की, दोबारा मेडिकल जांच में अनफिट घोषित होने पर इन सिविल सेवा अधिकारिओ की नौकरी जाने की भी संभावना रहती है। गुजरात के पांच अधिकारियों की दोबारा मेडिकल जांच की खबर आने के बाद राज्य के अधिकारियों के बीच यह मामला काफी चर्चा है।
हम आप को फिर से याद दिला दे की, गुजरात के प्रमुख अखबार 'सन्देश' में पिछले दिनों 22 मई की एक खबर के मुताबिक, गुजरात राज्य के IAS केडर में सात IAS अफसर ऐसे है जो विकलांग कोटे से IAS में चयनित हुए है। जिस में महिला IAS स्नेहल भापकर (IAS Snehal Bhapkar) के अलावा वर्ष 1997 बेच के सोनल मिश्रा (IAS Sonal Mishra), जो अभी सेन्ट्रल डेप्युटेशन पर दिल्ही में स्किल डेवलोपमेन्ट मंत्रालय में बतौर संयुक्त सचिव सेवारत है। इन के अलावा वर्ष 2006 की बेच के रवि अरोरा, वर्ष 2007 की बेच के IAS संदीप सांगले, वर्ष 2013 के मनीष कुमार बंसल, वर्ष 2020 बेच के IAS जयंत किशोर मनकाले और वर्ष 2022 बेच के अमोल अवाटे शामिल है। इस खबर में सूत्रों के हवाले से यह भी दावा किया गया है की, इन सात IAS अफसर में केवल दो IAS अधिकारी रवि अरोरा और जयंत मनकाले को ही आँख सम्बन्धी सच्ची विकलांगता है। रवि अरोरा को तो UPSC ने रिजेक्ट किया था पर वे अदालत में केस जित कर IAS में चयनित हुए थे।
फर्जीवाड़ा कर सिविल सेवा में IAS और IPS बने अफसरों को लेकर लगातार सोशियल मिडिया में खबरे चल रही है। 'वेब न्यूज़ दुनिया' भी इस मामले में नजर बनाये हुए है। इस विषय के सबंध में 'वेब न्यूज़ दुनिया' द्वारा भी खबरों को कवर किया गया है। जिस में गुजरात कैडर की महिला IAS स्नेहल भापकर की कहानी प्रमुख है। IAS स्नेहल भापकर का वर्ष 2017 की बेच में फिज़िकल हैंडीकैप्ड श्रेणी के मूक-बधिर कोटा में गुजरात IAS केडर में चयन हुआ था। हाला की, गुजरात सरकार में IAS केडर को देखने वाले गांधीनगर सचिवालय के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD)से लेकर ग्राम पंचायत विभाग में, IAS स्नेहल भापकर के प्रमाणपत्र की जांच को लेकर अब तक चुप्पी बनाई हुई है। गांधीनगर सचिवालय में बैठे जिम्मेवार सीनियर IAS अफसर भी इस मामले में कुछ भी बोलने से भागते रहे है।
इस सम्बन्ध में 'वेब न्यूज़ दुनिया' द्वारा प्रकाशित न्यूज़ वीडियो रिपोर्ट्स को देखने के लिए यहाँ https://webnewsduniya.com/Gir-Somnath-DDO-Gujarat-Cadre-IAS-Snehal-Bhapkar-Speaking-Video-Viral-25072024 क्लिक करे
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